Karakat Lok Sabha Election: काराकाट लोकसभा सीट से पवन सिंह के चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही काराकाट का राजनीतिक समीकरण बदल गया है. कल तक जहां एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार के बीच सीधा मुकाबला था वहीं अब यहां त्रिकोणीय होने की संभावना है. रोहतास जिले का काराकाट लोकसभा क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में है. वजह भोजपुरी के पावर स्टार कहे जाने वाले पवन सिंह ने काराकाट सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार बन रहे हैं. अभिनेता पवन सिंह को इलाके में लोग पावर स्टार के नाम से जानते हैं. खासकर भोजपुरी इलाके में युवाओं में उनका जलवा है.
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी फिर से चुनाव मैदान में हैं. वहीं माले के राजाराम सिंह यहां आईएनडीआईए गठबंधन के उम्मीदवार हैं. जिसके बाद इलाके में राजनीतिक सरगर्मिंया बढ़ गई है. यहां हुए पिछले तीन लोकसभा चुनाव में महाबली सिंह कुशवाहा और उपेंद्र कुशवाहा ने जीत दर्ज की है. तीनों बार कुशवाहा जाति के नेता ही यहां के सांसद हैं. इस बार देखना है की राजाराम सिंह और पवन सिंह के मैदान में आने पर चुनाव परिणाम क्या होता है.
महागठबंधन का नहीं खुला है खाता
काराकाट लोकसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद बना है. तीनों बार यहां एनडीए ने ही जीत दर्ज की है अब तक महागठबंधन यहां एकबार भी नहीं जीती है. काराकाट लोकसभा का गठन रोहतास के तीन विधानसभा क्षेत्र डेहरी, नोखा और काराकाट इसके साथ ही औरंगाबाद जिले के तीन विधानसभा को मिलाकर हुआ है. इस लोकसभा क्षेत्र के बीचों-बीच सोन नदी गुजरती है. दो पाट में बटी काराकाट लोकसभा क्षेत्र का आचार -विचार एवं लोकभाषा तक अलग-अलग है.
भोजपरी और मगही भाषी है काराकाट
डिहरी, नोखा तथा काराकाट में जहां भोजपुरी भाषा बोली जाती है, वहीं नवी नगर, गोह तथा ओबरा में मगही भाषा बोली जाती है. 2009 के लोकसभा चुनाव में पहली बार महाबली सिंह चुनाव जीते थे ओर सांसद बने. 2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा ने इस सीट से चुनाव जीता. 2019 में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने वाले उपेंद्र कुशवाहा को पराजय हाथ लगी और महाबली सिंह दोबारा सांसद चुने गए.
2024 के लोकसभा चुनाव में फिर उपेंद्र कुशवाहा एकबार फिर मैदान में हैं जबकि माले के राजाराम सिंह महागठबंधन के उम्मीदवार हैं. इस बीच भोजपुरी के पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर काराकाट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है. जिसके बाद पवन सिंह को लेकर इलाके में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है.