नई दिल्ली – बुद्ध पूर्णिमा, जो वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, इस वर्ष 12 मई 2025 को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 मई को शाम 8:01 बजे होगी और इसका समापन 12 मई की रात 10:25 बजे होगा। चूंकि उदयातिथि 12 मई को पड़ रही है, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा इसी दिन मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रमा का उदय शाम 6:57 बजे होगा।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व सिर्फ बौद्ध धर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हिंदू धर्म में भी अत्यंत पावन और विशेष माना जाता है। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण तीनों घटनाएं हुई थीं, जिससे यह दिन और भी अधिक पवित्र बन जाता है।
भगवान बुद्ध का जन्म एक राजकुमार के रूप में हुआ था, जिनका असली नाम सिद्धार्थ था। सुख-सुविधाओं से भरे जीवन के बावजूद उन्हें शांति और सच्चाई की खोज थी। सात वर्षों की कठोर साधना के बाद वैशाख पूर्णिमा के दिन ही बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से भगवान बुद्ध बन गए।
मान्यता है कि इसी दिन उन्होंने खीर खाकर व्रत तोड़ा था, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा पर खीर बनाना और भगवान बुद्ध को अर्पित करना शुभ माना जाता है। यही नहीं, इस दिन कुशीनगर में भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण भी प्राप्त किया था।
यह दिन आत्मज्ञान, शांति, और सद्कर्मों की ओर बढ़ने का प्रतीक है। लोग इस अवसर पर संकल्प लेते हैं कि वे बुरे कार्यों का त्याग कर एक नई और सदाचारी जीवन दिशा अपनाएंगे।
बुद्ध पूर्णिमा पर क्या करें:
भगवान बुद्ध की प्रतिमा को स्नान कराकर पुष्प अर्पित करें
दीप जलाएं और धूप-दीप से पूजा करें
खीर बनाकर भगवान बुद्ध को भोग लगाएं
ध्यान और प्रार्थना करें
जरूरतमंदों को दान करें और सेवा कार्य करें
बुद्ध पूर्णिमा केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है – सत्य, शांति और करुणा की ओर बढ़ने की।