शिरगांव, गोवा: गोवा के प्रसिद्ध लइराई देवी मंदिर में शनिवार को वार्षिक ‘शिरगांव जात्रा’ के दौरान भीषण भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों में महिलाएं भी शामिल हैं। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
नॉर्थ गोवा के पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि हादसे के पीछे की वजहों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हर साल की तरह इस बार भी भारी संख्या में श्रद्धालु जात्रा में भाग लेने पहुंचे थे। अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।
घटना की जानकारी मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मौके पर पहुंचे और घायलों से मुलाकात कर अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासन को घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
लइराई देवी मंदिर और शिरगांव जात्रा का महत्व
लइराई देवी गोवा की प्रमुख आराध्य देवी मानी जाती हैं, और उनका मंदिर शिरगांव में स्थित है। यहां हर साल चैत्र मास में भव्य ‘शिरगांव जात्रा’ का आयोजन होता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। जात्रा के दौरान श्रद्धालु दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं, व्रत रखते हैं, पवित्र झील में स्नान करते हैं और देवी की भव्य शोभायात्रा में शामिल होते हैं।
शिरगांव एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जहां शराब, अंडा और मांस पूरी तरह प्रतिबंधित है। यहां पशु हत्या तक वर्जित है और घोड़ों का प्रवेश भी निषेध है। यह स्थान अपनी धार्मिक आस्था और पवित्र परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।
प्रशासन अलर्ट, जांच शुरू
घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन ने जांच कमेटी गठित करने की बात कही है, जो इस हादसे के कारणों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव देगी।
यह हादसा धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन को लेकर कई सवाल खड़े करता है।
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